RCEM Approach of Lesson Planning and Core Micro-Teaching Skills के लिए दो दिवसीय माइक्रो टीचिंग कार्यशाला शुरू

गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय ने दो दिवसीय RCEM उपागम के अनुसार पाठ- योजना के निर्माण एवं मुख्य सूक्ष्म शिक्षण कौशल अभ्यास (RCEM Approach of Lesson Planning and Core Micro-teaching Skills) हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, विलासपुर, छत्तीसगढ़ के प्रोफेसर संबित कुमार पाढ़ी हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य प्रशिक्षक डॉ. पाढ़ी, प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार के साथ प्राध्यापकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन करकेन्द्रीय विश्वविद्यालय विलासपुर, छत्तीसगढ़ के प्रोफेसर संबित कुमार पाढ़ी ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए RCEM एप्रोच आफ लेशन प्लानिंग और सुक्ष्म शिक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के प्लानिंग में प्रशिक्षुओं की जरूरतों का ध्यान रखना सबसे आवश्यक है। शिक्षण प्रक्रिया के नियोजन में समय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पहलू है।

प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि एक शिक्षक के लिए माइक्रो टीचिंग और लेशनप्लान बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस कार्यशाला का आयोजन आपको एक अच्छा शिक्षक बनाने के लिए किया जा रहा है। कार्यशाला का संयोजन डॉ. अनीथा एस ने किया।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत कुमारी ममता, हर्षिता कुमारी तथा पल्लवी कुमारी ने स्वागत गीत से हुई, जबकि प्राचार्य डॉ. नीरजन कुमार, प्रो. विपिन कुमार एवं डॉ. अनीथा एस ने अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर मुख्य प्रशिक्षक का सम्मान किया।

कार्यशाला में सत्र 2023-25 एवं सत्र 2024-26 के सभी प्रशिक्षुओं के साथ प्राध्यापकगण शामिल रहे।

हिन्दी दिवस समारोह के साथ गंगा ग्लोबल बीएड कालेज में सत्र 2024-26 का चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम सम्पन

बेगूसराय | गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय में शनिवार को हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ. कामायनी कुमारी ने कहा कि हिन्दी अनेक भाषाओं का प्रतिनिधित्व करती है जबकि अंग्रेजी बाजार की भाषा है। हिन्दी जन-गण के हृदय की धड़कन और बेचैनी की भाषा है। उन्होंने मशहूर शायर मुनव्वर राणा की पंक्तियां ‘लिपट जाता हूं मां से मौसी मुस्कुराती है, मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूं हिन्दी मुस्कुराती है’ उद्धृत कर हिन्दी की महत्ता को प्रशिक्षुओं के सामने रखा।इससे पहले प्रशिक्षु शाम्भवी कुमारी, कुमारी ममता, अपराजिता कुमारी तथा कुमारी पल्लवी ने हिन्दी हमारी आन है, हिन्दी हमारी शान है… सामूहिक गान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो. सुधाकर पांडेय ने कविता की पंक्तियों के साथ भावों को अभिव्यक्त किया। प्रो. परवेज युसूफ ने कहा कि हिन्दी भाषा हमारी अभिव्यक्ति का सरल और सहज माध्यम है। द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु भारती कुमारी, कृष्ण कुमार, कुसारी ममता, प्रिया कुमारी, मोनू कुमार, डॉली कुमारी, कुलदीप कुमार, श्रृष्टि गौतम, चांदनी कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी, पल्लवी कुमारी, अमलेश कुमार, हिमरेणु कुमारी, पल्लवी कुमारी तथा प्रथम वर्ष की शालिनी प्रिया, रुचि कुमारी, अनुपम कुमारी, रीकेश कुमार एवं विशाल कुमार ने भाषण, कविता पाठ तथा गायन के माध्यम से हिन्दी के महत्व और उसकी विशालता को बताया।

कार्यक्रम में प्रो. अंजली, प्रो. अमर कुमार, डॉ अनीथा एस, डॉ अविनाश कुमार, प्रो. कुंदन कुमार, डॉ. राजवंत सिंह के साथ प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु उपस्थित थे। प्रो. विपिन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि नियमित महाविद्यालय में उपस्थिति रहें और विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। मंच संचालन द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु नेहा कुमारी एवं रितेश कुमार ने किया