सिमरिया में गंगा तट पर नव-निर्माण कार्यों का अवलोकन, पर्यटन की संभावनाएं और पर्यावरण पर इसके प्रभावों का अध्ययन
गंगा ग्लोबल इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन,बेगूसराय ने पर्यावरण शिक्षा के अंतर्गत किया शैक्षणिक भ्रमण। सत्र 2022-24 के प्रशिक्षुओं ने भ्रमण के दौरान सिमरिया में गंगा तट पर नव-निर्माण कार्यों का किया अवलोकन। पता लगाया पर्यटन की संभावनाएं तथा पर्यावरण पर इसके प्रभावों का किया अध्ययन। रविवार को प्रातः गंगा ग्लोबल ज्ञान परिसर से एम एल सी सर्वेश कुमार ने झंडा दिखाया। उक्त अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षुओं को संबोधित कर कहा कि शिक्षा से ही विकास संभव है। सभी प्रशिक्षु शिक्षक बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दें। शिक्षा प्राप्त करके ही जागरूक नागरिक बना जा सकता है। सिमरिया गंगा तट के संबंध में कहा कि हम लोगों ने काफ़ी कुछ बेहतर करने का प्रयास किया है आप स्वयं जाकर अवलोकन करें। साथ चल रहे प्राचार्य डॉ नीरज कुमार ने प्रशिक्षुओं को कहा कि बेगूसराय में सिमरिया गंगा तट कई मायनों में महत्वपूर्ण है आप सभी अपने आब्जर्वेशन रिपोर्ट में पर्यटन की संभावनाएं अपने सुझावों के साथ लिखेंगे। कार्यक्रम प्रभारी प्रो विपिन कुमार ने सभी प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से हमारे देखने और सोचने में परिवर्तन होता है। छात्रों को समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण अवश्य करवाना चाहिए। भ्रमण समूह में प्रो परवेज़ यूसुफ़, डॉ कामायनी कुमारी, प्रो अमर कुमार, आलोक कुमार, मनीष कुमार अकेला, अनुसुइया कुमारी के साथ प्रियंका कुमारी, रविनेश मिश्रा, सौम्या कुमारी , पिंटू कुमार, रोहित कुमार, राहुल कुमार. ऋषिकेश कुमार, अभिषेक रंजन, राघवेंद्र कुमार. शिवानी, निशांत कुमार, चंद्रजीत कुमार, चन्द्रकांत पाठक, सुजीत कुमार, सानू कुमार, सोनू कुमार, मुकुल आनंद, रजनीश कुमार. सुशांत सिंह, राजीव कुमार, अमन कुमार, सुशांत कुमार, नितीश कुमार, आकांक्षा दत्त, खुशी राज, सुशील कुमार, प्रतिभा कुमारी, मनीष कुमार, गौरव कुमार, शुभम कुमार, शिखा भारती , आदर्श कुमार आदि शामिल थे
कला व भाव का पक्ष आर्थिक पक्ष से अधिक प्रभावशाली: सर्वेश कुमार
विधान पार्षद सह निदेशक गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज सर्वेश कुमार ने कहा है कि व्यक्तित्व, चरित्र एवं जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए कला और भाव का जो पक्ष है वह आर्थिक पक्ष से अधिक प्रभावशाली है। वे गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (बी-एड कॉलेज) बेगूसराय में चित्रकला प्रदर्शनी के मौके पर कॉलेज आयोजित समारोहपूर्वक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी आगत अतिथियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि कला भाव व अभिव्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। आगत अतिथियों का सम्मान संस्थान के प्रशिक्षु कुमारी ममता, हर्षिता, रूचि, शांभवी एवं कंचन के द्वारा स्वागत गान के साथ हुआ। विशिष्ट अतिथि विधान पार्षद सह निदेशक सर्वेश कुमार द्वारा अतिथियों को गणेश जी की तैलचित्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि नवोदय विद्यालय के सेवानिवृत्त कला शिक्षक इंद्रमोहन प्रसाद का सम्मान अंगवस्त्र देकर प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने किया जबकि एवं उमर बालिका हाई स्कूल के शिक्षक मनीष कौशिक को प्राध्यापक विपिन कुमार द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों के संबोधन के पश्चात् आगत अतिथियों को चित्रकला प्रदर्शनी स्थल पर फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया गया। अतिथियों ने चित्रकला के अवलोकन किया। सभी प्रशिक्षुओं ने एक से बढ़कर एक अपनी अपनी थीम पर चित्रकला तैयार किया था। अतिथियों द्वारा इन्हें भरपूर सराहना मिली। इस कार्यक्रम में प्रस्ताव आया कि बेगूसराय में जितने भी कलाप्रेमी शिक्षक है उन्हें एक मंच पर लाकर एक भव्य कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए।
कार्यक्रम के प्रभारी सह बी-एड कॉलेज के फाईन आर्ट्स के व्याख्याता अमर कुमार द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आगत अतिथियों प्राचार्य विशिष्ट अतिथि एवं प्राध्यापकों को शुभकामनाएं संप्रेषित करते हुए इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चित्रकला प्रदर्शनी के आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डाला।
गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज कला संस्थानों से कम नहीं
मुख्य अतिथि इंद्रमोहन प्रसाद ने इस संस्थान विशेषकर प्रशिक्षुओं द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस परिसर के अवलोकन करने के बाद लगता ही नहीं है कि यह संस्थान किसी कला संस्थानों से कम है क्योंकि संपूर्ण वातावरण में कलात्मक चित्र व्याप्त है। वहीं मनीष कौशिक ने कहा कि मुझे भाषण करने नहीं आता पर मैं कला के लिए जीता हूं और कला के लिए मरता हूं। यहां के प्रशिक्षुओं व्दारा तैयार चित्र कला की जितनी प्रशंसा की जाय कम होगी। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि कला अपने अंदर छिपे गुणों की अभिव्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इस संस्थान के स्थापना काल से अभी तक के सफर में हमारे प्रशिक्षुओं द्वारा यह प्रथम व्यापक प्रयास है। चित्रकला प्रदर्शनी के द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि द्वारा कला की बारिकियों, रंगों की समझ पर कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसमें सभी प्रशिक्षुओं के साथ प्राध्यापकों ने भाग लिया। मनीष कौशिक एवं इंद्रमोहन प्रसाद द्वारा बनाई गई पेंटिंग सभी प्रशिक्षुओं के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। प्राध्यापक सुधाकर पांडेय ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया।
तीन सर्वश्रेष्ठ चित्रकला के कलाकार सम्मानित
चित्रकला प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रशिक्षुओं को प्रशस्ति पत्र सह मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार की घोषणा प्राध्यापक डॉ. कामायनी कुमारी ने की। आगत अतिथियों द्वारा प्रशिक्षुओं को पुरस्कार दिया गया। प्रथम स्थान सत्र 2023-25 प्रथम वर्षीय प्रशिक्षु कुमारी ममता, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि गौतम एवं तृतीय पुरस्कार अजय कुमार ने प्राप्त किया। शेष सभी प्रशिक्षुओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनकी हौसला-अफजाई की गई। इस चित्रकला प्रदर्शनी में कुल 43 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। मंच संचालन प्रशिक्षु सृष्टि गौतम के द्वारा किया। अंतिम कड़ी में रीतेश कुमार एवं प्राध्यापक अमर कुमार ने गीत गाकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक विपिन कुमार द्वारा किया गया।
इस चित्रकला प्रदर्शनी के प्रथम एवं द्वितीय सत्र में इस संस्थान के प्राध्यापक सुधाकर पांडेय, डॉ.अंजलि अमर कुमार, विपिन कुमार, डॉ. कामायनी, डॉ. अनीथा, डॉ. अविनाश, पिंटू कुमार शालिनी ,आलोक कुमार , मनीष कुमार तकनीकी सहायक प्रकाश सिन्हा के साथ साथ मीरा एवं वेदानंद चौधरी उपस्थिति रहे। प्रशिक्षुओं में मोनू, विशाल, विकास, रीतेश, मुरारी, पीयूष, कुलदीप, अमलेश,सलोनी, हिम रेणु, मीना हंसदा, आयशा राज़, पूजा कुमारी, डॉली, राखी, स्वीटी, जयश्री, दिव्या भारती, रितु भारती, प्रियंका, शाहीन प्रवीण, कायनात, निधि, लिपि, जागृति, मोनी,, पल्लवी, पूजा आदि उपस्थित रहे।
गा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन GGITE एवं माडर्न थियेटर फाउंडेशन MTF के तत्वावधान में हिंदी रंगमंच दिवस पर सेमिनार का आयोजन बीएड कॉलेज रमजानपुर में बुधवार को किया गया। सेमिनार के लिए छात्रों के सर्वांगीण विकास में रंगमंच की भूमिका। संदर्भ – शिक्षा में नाट्यकला को रखा गया था। खास बात यह रही कि सभी वक्ता और अतिथियों ने भाषण के दौरान विषय वस्तुओं में अपने को बांधे रखा। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन विधान परिषद सदस्य सर्वेश कुमार, नृत्याचार्य सुदामा गोस्वामी, वरिष्ठ रंगकर्मी अवधेश कुमार, अनिल पतंग व अमित रौशन, प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार एवं प्रो. परवेज यूसुफ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। दरभंगा स्नातक क्षेत्र से एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि 2015 के बाद फाइन आर्ट और नाट्यकला की शिक्षा को बीएड कॉलेज में शामिल किया गया, जो सराहनीय है। लेकिन माध्यमिक विद्यालयों में नाट्यकला की पढ़ाई नहीं हो रही है। अगर माध्यमिक शिक्षा स्तर पर नाटक की पढ़ाई नहीं होगी तो उच्च शिक्षा नाटक को शामिल करने का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस कारण वे आगामी विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करेंगे। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लेगी। इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए रंगकर्मी सह प्राध्यापक प्रो. परवेज यूसुफ ने कहा कि यूनेस्को ने 1996 में ही 21वीं शताब्दी की शिक्षा के लिए चार आधार स्तम्भ की सिफारिश किया था। जिसके अंतर्गत शिक्षा में नाटक कला की महत्ता दी गई है। वरिष्ठ रंगकर्मी अवधेश ने कहा कि रंगमंच को शिक्षा के प्रारंभिक स्तर से जोड़ना चाहिए। क्योंकि नाटक के माध्यम से ज्ञान का संवर्द्धन होता है। किसी घटना का पुनर्गठन नाटक में होता है। नाटक में सभी कलाओं का समावेश है। क्योंकि नाटक में अभिनय, चित्रकला, गीत – संगीत, फाइन आर्ट आदि कितने कलाएं समाहित है। वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग ने हिंदी नाटक के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नाटक में दुनिया की तमाम कला समाहित है। अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम नाटक है। उन्होंने कहा कि इंटर काउंसिल में नाटक की पढ़ाई होती थी, लेकिन जैसे ही काउंसिल समाप्त हुई और नाटक की पढ़ाई बंद हो गई। उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में नाट्यकला की पढ़ाई की मांग रखी। युवा रंगकर्मी अमित रौशन ने बिहार के सभी विद्यालयों में संगीत- नृत्य व फाइन आर्ट के शिक्षक तो है लेकिन रंगमंच के लिए शिक्षक क्यों नहीं। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि रंगमंच के क्षेत्र में रोजगार का अवसर मिले तभी यह जिंदा रहेगा। अध्यक्षता करते हुए नृत्याचार्य सुदामा गोस्वामी ने कहा कि नाटक विधा आदिकाल से चली आ रही है। कृष्ण -राधा का रासलीला से बड़ा कौन नाटक हो सकता है। युवा पीढ़ी को नाट्यकला से जुड़ने का उन्होंने आह्वान किया। प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा जीवन भी रंगमंच के कलाकारों जैसी है। सामाजिक कुरीतियों से लड़ने की बड़ी क्षमता नाट्यकला में है। सेमिनार को प्रो. अंजलि, प्रो. विपिन कुमार, प्रो. सुधाकर पांडेय, डॉ. अनिता, प्रशिक्षु कुमारी ममता ने भी अपने विचारों को रखा। इस मौके पर प्रशिक्षु कृष्ण कुमार ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के रश्मिरथी के तीसरे सर्ग की प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया।
सफलता का रास्ता गहरी पीड़ा और संवेदना से होकर गुजरता है – सर्वेश कुमार
महात्मा बुद्ध की धरती बिहार प्राचीन काल से ही शिक्षा और संस्कृति समृद्ध रही है – डॉ नीरज
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय ने धूमधाम से मनाया बिहार दिवस समारोह साथ ही मतदाता जागरूकता रैली का किया आयोजन। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया प्राचार्य डॉ नीरज कुमार एवं प्राध्यापकों ने सम्मिलित रूप से किया। अपने उद्बोधन में प्राचार्य डॉ नीरज कुमार ने कहा कि महात्मा बुद्ध की धरती बिहार प्राचीन काल से ही शिक्षा और संस्कृति समृद्ध रही है। निदेशक व एमएलसी सर्वेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सफलता का रास्ता गहरी पीड़ा और संवेदना से होकर गुजरता है। सभी प्रशिक्षुओं और प्राध्यापकों को शुभकामनाएं दी। समारोह में प्रशिक्षुओं ने बिहार का प्राचीन इतिहास को याद करते हुए बिहार राज्य प्रार्थना, बिहार राज्य गीत के साथ बिहार का लोक गीत, कविता प्रस्तुतिकरण आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसमें भाषण प्रस्तुत किया भारती कुमारी ने वहीं रितेश कुमार ने सबसे सुंदर अप्पन बिहार गाकर समा बांधा साथ ही लिपि कुमारी, दिव्या भारती, शाम्भवी कुमारी, पल्लवी कुमारी, डॉली कुमारी, नीलू कुमारी, प्रतिमा आनंद, रोशनी कुमारी, राखी कुमारी, चन्दा कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी ने सस्वर गायन प्रस्तुत किया। कविता प्रस्तुतिकरण किया अभिलाषा रानी, रितु भारती, शाहीन प्रवीण।
कार्यक्रम से पूर्व प्राचार्य, प्राध्यापकगण, सत्र 2022-24 एवं सत्र 2023-25 के प्रशिक्षुओं ने मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत रैली का आयोजन किया। हमारा वोट देश के लिए का नारा देते हुए प्रशिक्षुओं ने कालेज प्रांगण से रमज़ानपुर तक रैली में शामिल हुए।
उक्त अवसर पर प्रो सुधाकर पांडेय, प्रो परवेज़ यूसुफ़, प्रो अंजली, प्रो विपिन कुमार, डॉ कामायनी कुमारी, प्रो अमर कुमार, डॉ अनीथा एस, डा अविनाश कुमार, प्रो कुंदन कुमार आदि सहायक प्राध्यापकों के साथ सत्र 2022-24 एवं सत्र 2023-25 तथा कार्यालय कर्मी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन किया प्रशिक्षु पल्लवी कुमारी एवं शाम्भवी कुमारी ने। धन्यवाद ज्ञापन किया कार्यक्रम संयोजक प्रो परवेज़ यूसुफ़ ने।
अंत में प्रशिक्षुओं ने प्राध्यापकों को गुलाल अर्पित कर होली की पूर्व संध्या पर आशीर्वाद प्राप्त किया तथा एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी।
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन, रमजानपुर, बेगूसराय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व संध्या पर समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक प्रो. अंजली, डॉ. कामायनी कुमारी, डॉ. अनीथा एस तथा प्रो. शालिनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन भाषण में प्रो अंजली ने वर्ष 2024 के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के थीम inspire inclusion एक ऐसी दुनिया जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज की महिलाओं को पढ़ी-लिखी होने के साथ जागरूक होने की जरूरत है ताकि वह शिक्षा और संस्कृति के प्रति अगली पीढ़ी को जागरूक कर सके। डाॅ. कामायनी कुमारी ने कहा कि महिला दिवस को नारी शक्ति दिवस भी कहा जा सकता है। उन्होंने जयशंकर प्रसाद की कृति नारी तुम श्रद्धा हो प्रस्तुत किया। डॉ. अनीथा एस ने कहानी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर बल दिया। प्रभारी प्राचार्य सह कार्यक्रम संयोजक प्रो. परवेज़ यूसुफ़ ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ है कि महिलाओं को अच्छी शिक्षा दी जाए और उन्हें काबिल बनाया जाए। दोनों सत्र के प्रशिक्षुओं को संबोधित कर कहा कि आप भावी शिक्षक हैं आपको देश और समाज के लिए शिक्षित नागरिक तैयार करना है। महिला शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। सहायक प्राध्यापक प्रो.सुधाकर पांडेय ने कहा कि महिला और पुरुष दोनों का महत्व बराबर है। हमें इसे समझने और समझाने की आवश्यकता है। सहायक प्राध्यापक प्रो. विपिन कुमार ने महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने पर बल दिया। सहायक प्राध्यापक प्रो.कुंदन कुमार ने सशक्तिकरण की बात की। वहीं प्रो.अमर कुमार ने महिला के सम्मान में एक मार्मिक गीत प्रस्तुत किया। प्रथम वर्ष की प्रशिक्षु कुमारी ममता ने महिलाओं को सम्मान क्यों देना चाहिए का महत्व बताया। भारती कुमारी ने बहुत ही मार्मिक कविता पाठ करते हुए कहा लड़की हो जाने दो… । कृष्ण कुमार ने एक गीत प्रस्तुत किया वहीं हिमरेणु कुमारी, जागृति कुमारी, सलोनी कुमारी, करिश्मा कुमारी, निधि कुमारी, मेधा कुमारी, अभिलाषा कुमारी, कंचन कुमारी तथा प्रिया कुमारी ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित कविता का पाठ किया। सुप्रिया कुमारी ने जहां महिला सशक्तिकरण पर एक कहानी प्रस्तुत किया वहीं प्रतिभा कुमारी ने महिला सम्मान की बात कही। मंच संचालन द्वितीय वर्ष की प्रशिक्षु शिवानी तथा प्रथम वर्ष की शाम्भवी कुमारी ने किया। उक्त अवसर पर सभी प्राध्यापकों के अलावा मनीष कुमार अकेला, प्रकाश सिन्हा तथा आलोक कुमार के साथ सत्र 2022-24 तथा 2023-25 के प्रशिक्षुगण उपस्थित थे।
शिक्षकों ने विज्ञान के महत्व पर डाला प्रकाश, प्रशिक्षुओं ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय में महान वैज्ञानिक डॉ. सी वी रमन की जयंती व 38वां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गई। विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक विषय पर प्रशिक्षुओं के बीच पांच प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें निबंध प्रतियोगिता, साइंटिफिक माॅडल, लो कोस्ट एक्सप्रिमेंट, पीपीटी प्रजेंटेशन तथा साइंस क्विज शामिल हैं। इस मौके पर प्राचार्य डॉ नीरज कुमार ने कहा कि विज्ञान का मतलब विकास से होना चाहिए न कि विनाश से। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने जीवन के कई क्षेत्रों में मानव के राह को सुगम बना दिया है। वहीं विज्ञान आज ऐसे जगह भी पहुंच गया है जहां से पल में विनाश हो सकता है। विज्ञान का उद्देश्य मानव जीवन को सुखमय बनाने को लेकर है। वहीं फिजिकल साइंस की सहायक प्राध्यापक प्रो. अंजली, बायोसाइंस के सहायक प्राध्यापक प्रो. सुधाकर पांडेय, गणित की सहायक प्राध्यापक डॉ. अनिथा एस ने विज्ञान का महत्व बताया। प्रो. परवेज़ यूसुफ़ और प्रो. विपिन कुमार ने प्रशिक्षुओं को अपने जीवन में विज्ञान को महत्वपूर्ण स्थान देने की बात कही। डॉ. कामायनी कुमारी, प्रो. अमर कुमार, प्रो. पिंटू कुमार, डाॅ. अविनाश कुमार, प्रो. शालिनी तथा एमबीए कालेज के विवेक कुमार उपस्थित थे।
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर शाहीन प्रवीण, द्वितीय स्थान पर शाम्भवी कुमारी और तृतीय स्थान पर कायनात ओवैसी रहे। वहीं साइंटिफिक माॅडल में प्रथम सुशांत कुमार, द्वितीय श्रृष्टि गौतम और तृतीय प्रिया कुमारी। लो कोस्ट एक्सप्रिमेंट प्रतियोगिता में चन्द्रकान्त पाठक प्रथम, प्रगति कुमारी द्वितीय और सुप्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पीपीटी प्रजेंटेशन में प्रथम स्थान सुप्रिया, द्वितीय स्थान श्रृष्टि गौतम तथा तृतीय स्थान हर्षदीप ने प्राप्त किया। साइंस क्विज में चार समूह थे-आर्यभट्ट समूह में सलोनी कुमारी, कायनात ओवैसी और रितु भारती रामानुजम समूह में शाहीन प्रवीण, नेहा कुमारी और मुकेश कुमार, एपीजे अब्दुल कलाम समूह में पल्लवी कुमारी, जयश्री और प्रिया कुमारी तथा सीवी रमन समूह में प्रतीमा कुमारी, हर्षिता कुमारी तथा रोशनी कुमारी। इस क्विज प्रतियोगिता में प्रथम रामानुजम समूह, द्वितीय आर्यभट्ट समूह तथा तृतीय स्थान सीवी रमन समूह ने हासिल किया। सत्र 2022-23 एवं 2023-24 के प्रशिक्षुओं के साथ कार्यालय कर्मी प्रकाश सिन्हा आलोक कुमार आदि थे। प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर की भूमिका प्रो. अंजली ने निभाई जबकि प्रतियोगिता का संचालन प्रो. सुधाकर पांडेय ने किया।
मातृभाषा की महत्ता को समझे, व्यवहार में लाने का करें प्रयास : प्राचार्य डॉ नीरज कुमार
आपसी बातचीत में हो रही मातृभाषा की उपेक्षा चिंताजनक
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय में गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। प्राध्यापकों एवं प्रशिक्षुओं ने अपनी-अपनी मातृभाषा यथा मैथिली, अंगिका, मगही में भाषण एवं लोकगीत गाकर समारोह को यादगार बना दिया। प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि भाषा की महत्ता इतनी है पाकिस्तान का विभाजन हो गया और बंगलादेश राष्ट्र बन गया। लेकिन बिहार की बात करें तो अधिकांश लोग आपसी बातचीत या घर में मातृभाषा का प्रयोग बोलचाल में भी नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मातृभाषा की उपेक्षा चिंता जनक स्थिति में पहुंच गई है। दक्षिण भारत में लोग मातृभाषा में बातचीत करना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं बांग्लाभाषी व पंजाबी भाषा का प्रयोग लोग धड़ल्ले से करते हैं। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम तभी सफल होगा जब हम अपने मातृभाषा को व्यवहार में लाने का संकल्प लें। सहायक प्राध्यापक प्रो. सुधाकर पांडेय, डॉ. कामायनी कुमारी तथा प्रो. अमर कुमार ने मैथिली लोकगीत का गायन कर खूब तालियां बटोरीं वहीं सहायक प्राध्यापक प्रो. परवेज़ यूसुफ़, प्रो. विपिन कुमार एवं डॉ. अनीथा एस ने मातृभाषा को अभिव्यक्ति का माध्यम के साथ इसकी विशेषता बताई। सरस्वती वंदना प्रशिक्षु कंचन कुमारी, चांदनी कुमारी, राखी कुमारी, प्रतिमा कुमारी, डॉली कुमारी, रौशनी कुमारी व चांदनी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. कामायनी कुमारी ने आरंभ में मातृभाषा के महत्व को बताया और कहा कि हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। मातृभाषा में भाषण दिया रितु भारती, अपराजिता कुमारी, नीलू कुमारी, विशाल कुमार, कुलदीप कुमार, कृष्ण कुमार ने तथा समूह लोकगीत व कविता प्रस्तुत किया रौशनी, अमलेश कुमार, मनोज कुमार, दिव्या कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी, शाहीन प्रवीण, चांदनी, राखी, डॉली, कंचन कुमारी, नेहा कुमारी, लिपि कुमारी, जयश्री, हर्षिता कुमारी, स्वीटी कुमारी ने। धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक प्रो. विपिन कुमार तथा मंच संचालन प्रशिक्षु मोनू कुमार एवं श्रृष्टि गौतम ने किया।
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन ने शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। कार्यक्रम के आरंभ में दो मिनट का मौन रखा गया तथा महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया। तत्पश्चात बापू का प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए प्रशिक्षु मोनी कुमारी, हर्षिता कुमारी तथा मेधा कुमारी ने प्रस्तुत किया तथा रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम भजन को आईसा कुमारी, लिपि कुमारी हिमरेणु कुमारी, शाम्भवी कुमारी, लिपि कुमारी ने तथा सावरमति के संत तूने कर दिया कमाल को प्रस्तुत किया रीतेश कुमार, अभिलाषा कुमारी, पूजा कुमारी, प्रतिमा कुमारी व भारती ने। कविता एवं विचारों को साझा किया मोनी कुमारी, कायनात, शाहीन प्रवीण, चन्दा कुमारी, करिश्मा कुमारी, पुष्पांजलि कुमारी, रूची कुमारी, मोनी कुमारी, निशिका कुमारी, पल्लवी कुमारी, दिव्या कुमारी, प्रदीप कुमार, निपुण कुमार, कुलदीप कुमार, रीतेश कुमार, रितु भारती, चांदनी कुमारी, रौशनी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, नेहा कुमारी, अंगुरी खातून, मौसम कुमारी, अनुराधा कुमारी आदि प्रशिक्षुओं ने। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्ता दिखाया। भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। सहायक प्राध्यापक प्रो सुधाकर पांडेय, प्रो परवेज़ यूसुफ़, प्रो अंजली, प्रो विपिन कुमार, डॉ कामायनी कुमारी, प्रो अमर कुमार, डा अनिथा एस, डा अविनाश कुमार, प्रो पिंटू कुमार ने महात्मा गांधी के विचारों को साझा किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित किया। उक्त अवसर पर कार्यालय कर्मी प्रकाश सिन्हा उपस्थित थे। संयोजन किया प्रो परवेज़ यूसुफ़ ने तथा मंच संचालन प्रशिक्षुओं ने कुमारी ममता तथा शाम्भवी कुमारी ने किया।
गंगा ग्लोबल ज्ञान परिसर में प्रबंधन समिति के सचिव अखिलेश कुमार ने झंडोत्तोलन किया और कहा कि लाखों कुर्बानी के बाद हमें आज़ादी मिली आज ही दिन संविधान मिला। हमें अपने देश के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। निदेशक व एमएलसी सर्वेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र कोई भी हो दक्षता महत्वपूर्ण है उसे हासिल करें। पूरे मन से करें। केवल अच्छा नहीं उत्कृष्ट प्रदर्शन करें। झंडोत्तोलन के पश्चात् एमबीए एवं बीएड के प्रशिक्षुओं ने अपने-अपने सभागार में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और सद्भावना पर आधारित गीत-संगीत, नृत्य, लघु नाटक,भाषण एवं कविताओं की गई प्रस्तुति की गई। उक्त अवसर पर डा.सुधा झा (प्राचार्य एमबीए), डा. नीरज कुमार (प्राचार्य बीएड), अनिल कुमार (प्राचार्य गंगा ग्लोबल स्कूल) कार्यक्रम प्रभारी प्रो.परवेज़ यूसुफ़ सहित गंगा ग्लोबल बीएड कालेज, गंगा ग्लोबल एमबीए कालेज तथा गंगा ग्लोबल स्कूल के प्राचार्य, प्राध्यापक व शिक्षक, प्रशिक्षु, छात्र-छात्राएं तथा कार्यालयकर्मी आदि उपस्थित थे।
श्रीनिवास रामानुजन का जीवन नवाचार के उत्प्रेरक के रूप में गणित की भूमिका को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है : डाॅ. नीरज
गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन ने गणित के जादूगर और देश के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया। ज्ञातव्य हो कि भारत सरकार ने वर्ष 2012 से ही इस महान गणितज्ञ की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया था। समारोह के आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक गण एवं प्रशिक्षुओं ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। प्रशिक्षुओं ने गणित से संबंधित समूह गीत, कविता, ग़ज़ल के साथ उनके जीवन संघर्ष को सुनाया। जिसे स्वीटी कुमारी, लिपि कुमारी, अभिलाषा रानी, राखी कुमारी, भारती कुमारी, पूजा कुमारी, मौसम कुमारी, अक्षय कुमार, निपुन कुमार तथा पूजा कुमारी ने प्रस्तुत किया। अपने उद्घाटन भाषण में प्राचार्य डाॅ0 नीरज कुमार ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन ने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारथ हासिल कर ली थी। उन्होंने अपने जुनून और रूचि के दम पर दुनियाभर में नाम कमाया। ये हमें नवाचार के उत्प्रेरक के रूप में गणित की भूमिका को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। गणित की प्राध्यापिका डाॅ0 अनिथा एस0 ने श्रीनिवास रामानुजन के व्यक्तित्व के साथ गणित में उनके किये गये योगदान को याद किया और कहा कि गणित के ज्ञान का आधार निश्चित होता है जिससे उसपर विश्वास किया जा सकता है। प्रो0 बिनोद कुमार एवं डाॅ0 अविनाश कुमार ने श्रीनिवास रामानुजन के गणितीय यात्रा का वर्णन प्रशिक्षुओं को सुनाया और कहा कि मानव जीवन के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। प्रो0 परवेज़ यूसुफ़ ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यालय एवं महाविद्यालयों में श्रीनिवास रामानुजन जैसे महापुरुषों की जयंती और विभिन्न दिवसों को प्रमुखता के साथ मनाना चाहिए इससे छात्र-छात्राओं तथा प्रशिक्षुओं का ज्ञानवर्धन काफ़ी तेजी से होता है। उक्त अवसर पर प्रो.अमर कुमार प्रो.कुन्दन कुमार के साथ प्रकाश सिन्हा, मनीष कुमार अकेला तथा आलोक कुमार आदि प्राध्यापक गण व कार्यालयकर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम संयोजन सहायक प्राध्यापक डाॅ0 अनिथा एस तथा मंच संचालन प्रशिक्षु कुलदीप कुमार ने किया।