कला व भाव का पक्ष आर्थिक पक्ष से अधिक प्रभावशाली: सर्वेश कुमार
विधान पार्षद सह निदेशक गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज सर्वेश कुमार ने कहा है कि व्यक्तित्व, चरित्र एवं जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए कला और भाव का जो पक्ष है वह आर्थिक पक्ष से अधिक प्रभावशाली है। वे गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (बी-एड कॉलेज) बेगूसराय में चित्रकला प्रदर्शनी के मौके पर कॉलेज आयोजित समारोहपूर्वक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी आगत अतिथियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि कला भाव व अभिव्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। आगत अतिथियों का सम्मान संस्थान के प्रशिक्षु कुमारी ममता, हर्षिता, रूचि, शांभवी एवं कंचन के द्वारा स्वागत गान के साथ हुआ। विशिष्ट अतिथि विधान पार्षद सह निदेशक सर्वेश कुमार द्वारा अतिथियों को गणेश जी की तैलचित्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि नवोदय विद्यालय के सेवानिवृत्त कला शिक्षक इंद्रमोहन प्रसाद का सम्मान अंगवस्त्र देकर प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने किया जबकि एवं उमर बालिका हाई स्कूल के शिक्षक मनीष कौशिक को प्राध्यापक विपिन कुमार द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों के संबोधन के पश्चात् आगत अतिथियों को चित्रकला प्रदर्शनी स्थल पर फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया गया। अतिथियों ने चित्रकला के अवलोकन किया। सभी प्रशिक्षुओं ने एक से बढ़कर एक अपनी अपनी थीम पर चित्रकला तैयार किया था। अतिथियों द्वारा इन्हें भरपूर सराहना मिली। इस कार्यक्रम में प्रस्ताव आया कि बेगूसराय में जितने भी कलाप्रेमी शिक्षक है उन्हें एक मंच पर लाकर एक भव्य कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए।
कार्यक्रम के प्रभारी सह बी-एड कॉलेज के फाईन आर्ट्स के व्याख्याता अमर कुमार द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आगत अतिथियों प्राचार्य विशिष्ट अतिथि एवं प्राध्यापकों को शुभकामनाएं संप्रेषित करते हुए इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चित्रकला प्रदर्शनी के आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डाला।
गंगा ग्लोबल बीएड कॉलेज कला संस्थानों से कम नहीं
मुख्य अतिथि इंद्रमोहन प्रसाद ने इस संस्थान विशेषकर प्रशिक्षुओं द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस परिसर के अवलोकन करने के बाद लगता ही नहीं है कि यह संस्थान किसी कला संस्थानों से कम है क्योंकि संपूर्ण वातावरण में कलात्मक चित्र व्याप्त है। वहीं मनीष कौशिक ने कहा कि मुझे भाषण करने नहीं आता पर मैं कला के लिए जीता हूं और कला के लिए मरता हूं। यहां के प्रशिक्षुओं व्दारा तैयार चित्र कला की जितनी प्रशंसा की जाय कम होगी।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि कला अपने अंदर छिपे गुणों की अभिव्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। इस संस्थान के स्थापना काल से अभी तक के सफर में हमारे प्रशिक्षुओं द्वारा यह प्रथम व्यापक प्रयास है।
चित्रकला प्रदर्शनी के द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि द्वारा कला की बारिकियों, रंगों की समझ पर कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसमें सभी प्रशिक्षुओं के साथ प्राध्यापकों ने भाग लिया। मनीष कौशिक एवं इंद्रमोहन प्रसाद द्वारा बनाई गई पेंटिंग सभी प्रशिक्षुओं के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। प्राध्यापक सुधाकर पांडेय ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया।
तीन सर्वश्रेष्ठ चित्रकला के कलाकार सम्मानित
चित्रकला प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रशिक्षुओं को प्रशस्ति पत्र सह मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार की घोषणा प्राध्यापक डॉ. कामायनी कुमारी ने की। आगत अतिथियों द्वारा प्रशिक्षुओं को पुरस्कार दिया गया। प्रथम स्थान सत्र 2023-25 प्रथम वर्षीय प्रशिक्षु कुमारी ममता, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि गौतम एवं तृतीय पुरस्कार अजय कुमार ने प्राप्त किया। शेष सभी प्रशिक्षुओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनकी हौसला-अफजाई की गई। इस चित्रकला प्रदर्शनी में कुल 43 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। मंच संचालन प्रशिक्षु सृष्टि गौतम के द्वारा किया। अंतिम कड़ी में रीतेश कुमार एवं प्राध्यापक अमर कुमार ने गीत गाकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक विपिन कुमार द्वारा किया गया।
इस चित्रकला प्रदर्शनी के प्रथम एवं द्वितीय सत्र में इस संस्थान के प्राध्यापक सुधाकर पांडेय, डॉ.अंजलि अमर कुमार, विपिन कुमार, डॉ. कामायनी, डॉ. अनीथा, डॉ. अविनाश, पिंटू कुमार शालिनी ,आलोक कुमार , मनीष कुमार तकनीकी सहायक प्रकाश सिन्हा के साथ साथ मीरा एवं वेदानंद चौधरी उपस्थिति रहे। प्रशिक्षुओं में मोनू, विशाल, विकास, रीतेश, मुरारी, पीयूष, कुलदीप, अमलेश,सलोनी, हिम रेणु, मीना हंसदा, आयशा राज़, पूजा कुमारी, डॉली, राखी, स्वीटी, जयश्री, दिव्या भारती, रितु भारती, प्रियंका, शाहीन प्रवीण, कायनात, निधि, लिपि, जागृति, मोनी,, पल्लवी, पूजा आदि उपस्थित रहे।