स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम -2019

गंगा ग्लोबल ज्ञान परिसर में स्थित गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन, गंगा ग्लोबल स्कूल तथा गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज के कर्मियों ने संयुक्त रूप से स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमान मंगलदेव पाण्डे ने झंडोत्तोलन किया और 73 वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी।
झंडोत्तोलन के पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें देशभक्ति गीत के साथ देशभक्ति भाव नृत्य तथा एकांकी (लघु नाटक)-“कथा आज़ादी की” का मंचन किया गया। गायन में तृप्ति, प्रतिभा, प्रियांशु, पूजा, खुशबू, सौम्या, निभा, साक्षी, अभिषेक, कृष्ण कुमार, सोनू तथा विकास ने भाग लिया। संगीत संचालन प्रो0 राजीव तथा वादन गंगा ग्लोबल स्कूल के छात्र सत्यम और राहुल ने किया। वहीं
भाव नृत्य “देश रंगीला-रंगीला” में पल्लवी और वर्षा ने प्रशिक्षुओं और प्राध्यापकों का काफी मनोरंजन किया।
राष्ट्रीय एकता और भाईचारा पर आधारित नाटक- “कथा आज़ादी की” परिकल्पना एवं निर्देशन प्रो0 परवेज़ यूसुफ़ ने किया तथा अपने अभिनय प्रतिभा का परिचय चुलबुल, प्रियांशु, विकास, राजेश, प्रिंस, सोनू, हरिओम तथा रजनीश ने दिया।
इस अवसर पर श्रीमान सर्वेश कुमार ने कहा कि हमें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर संकल्प लेना चाहिए कि अपने कर्मो से त्याग, बलिदान और कुर्बानी देने वालों की शहादत को अभिसिंचित करेंगे। हम सभी को अपनी क्षमता के अनुसार अवश्य प्रयास करनी चाहिए। प्राचार्य डॉ0 राजेश सिंह ने संबोधन में कहा कि हम अपनी भागीदारी देश के नव निर्माण में दें तथा अपने कार्य के प्रति समर्पित होकर अपना बेस्ट देने की कोशिश करें। उक्त अवसर पर गंगा ग्लोबल बी0एड0 काॅलेज के प्रो0 सुधाकर पांडेय, प्रो0 अनामिका, प्रो0 अंजलि, प्रो0 कामायनी, प्रो0 नीलम, प्रो0 रश्मि, प्रो0 रूपेश कुमार, डाॅ0 नीरज, प्रो0 बिनोद कुमार, प्रो0 विपिन कुमार, प्रो0 अमर कुमार के साथ गंगा ग्लोबल स्कूल के प्राचार्य अनिल सिंह व शिक्षकगण तथा जीजीआईएमएस के निदेशक श्रीमान जे0एन0 यादव व वहां के प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 परवेज़ यूसुफ़ ने तथा मंच संचालन प्रशिक्षु सोनम सिन्हा ने किया।

नए सत्र 2019-21 की शुरुआत

गंगा ग्लोबल बी.एड. कॉलेज में नए सत्र 2019-21 की शुरुआत

जिले के प्रथम बी.एड. कॉलेज, ग्लोबल इंस्टीट्‌यूट ऑफ टीचर एडुकेशन,रमज़ानपुर में बी.एड. नये सत्र 2019-21 का प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। संस्थान के निदेशक सर्वेश कुमार ने नये सत्र के प्रशिक्षुओं को महाविद्यालय में उनके पहले दिन स्वागत करते हुए संबोधित किया। श्री कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक बनना सबसे आसान काम है पर एक अच्छा शिक्षक बनना सबसे कठिन काम है। उन्होंने नये प्रशिक्षुओं से कहा कि उन्होंने अपनी स्वेच्छा से शिक्षक बनना तय किया है और अब उन्हें ये तय करना है कि शिक्षक बनने के आसान रास्ते को  चुनें या अच्छे शिक्षक बनने के कठिन रास्ते को चुनें। उन्होंने कहा कि शिक्षक कभी सेवा निवृत नहीं होते। उन्हें ताउम्र अपने को कार्य के प्रति समर्पित करना होता है। इसके लिए उन्होंने नेतरहाट विद्यालय के पुर्व-प्राचार्य तथा गंगा ग्लोबल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमान मंगलदेव पाण्डेय जी का उदाहरण देते हुए कहा कि वो नब्बे साल की उम्र में भी शिक्षा के लिए बिना थके कार्य कर रहे हैं।

संस्थान के अकादमिक निदेशक श्री जगदीश नारायण यादव ने नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में सभी प्रशिक्षुओं को खुद को तैयार करने को कहा तथा सलाह दी कि नई शिक्षा नीति के एक-एक शब्द को पढ़ जाएं। इससे उन्हें भविष्य के लिए खुद को तैयार करने में मदद मिलेगी और वे अच्छे शिक्षक बन सकेंगे। शिक्षा के इस नये दस्तावेज में ये कहा गया है कि वे सभी शिक्षण संस्थान बंद हो जाएंगे जो अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में असमर्थ होंगे।   

बी.एड. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस. पी दूबे ने आचार्य चाणक्य को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रलय और निर्माण शिक्षक की गोद में खेलते है। इसलिए एक अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ साकारात्मक सोच का होना भी बहुत जरूरी है।

उद्‌घाटन सभा को सभी सहायक प्राध्यापकों ने भी संबोधित किया तथा नये प्रशिक्षुओं को अपना परिचय दिया। नये प्रशिक्षु सभी गैर शैक्षणिक कर्मचारियों से भी परिचित हुए। पूर्व से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु तथा नए सत्र के प्रशिक्षु आपस में एक दूसरे से परिचित हुए।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. परवेज यूसुफ ने किया तथा प्रशिक्षुओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये‌‌‌‌‌ । रौशन, राजा, मनीषा, नीतु, अपर्णा तथा कई अन्य प्रशिक्षुओं  ने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दी।

            मौके पर मुख्य वक्ताओं एवं प्रशिक्षुओं के अलावा उप-प्राचार्य डॉ. राजेश सिंह, प्रो. सुधाकर पाण्डेय, प्रो. अनामिका कुमारी, प्रो. सूर्य प्रताप, डॉ. नीरज कुमार,प्रो. अंजली, प्रो. रश्मि कुमारी, प्रो. रुपेश कुमार प्रो. बिनोद कुमार, प्रो. नीलम कुमारी,  प्रो. विपिन कुमार, प्रो. कामायनी, प्रो. अमर  कुमार, आतिश कुमार, आलोक कुमार, प्रकाश, आदि मौजूद रहे।