गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन बेगूसराय ने रामधारी सिंह दिनकर की 115वीं जयंती समारोह पूर्वक मनायी गई

गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन बेगूसराय ने रामधारी सिंह दिनकर की 115वीं जयंती समारोह पूर्वक मनायी गई। कार्यक्रम से पूर्व केदारनाथ सिंह के प्रति दो मिनट मौनधारण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। उद्घाटन जिले के वरिष्ठ कवि प्रफुल्ल मिश्रा, प्राचार्य डाॅ0 नीरज कुमार, कार्यक्रम संयोजक डाॅ0 कामायनी कुमारी तथा महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों ने दीप प्रज्वलित कर सामूहिक रूप से किया तथा दिनकर जी की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया। उद्घाटन के पश्चात् प्राचार्य डाॅ0 नीरज कुमार व डाॅ0 कामायनी कुमारी ने समारोह के विशिष्ट अतिथि कवि प्रफुल्ल मिश्रा को अंगवस्त्र, पाग  से सम्मानित किया। प्रशिक्षुओं व प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कवि प्रफुल्ल मिश्रा जी ने स्वरचित मुक्तक एवं कविता का रसास्वादन के साथ प्रशिक्षु को बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्य डा.नीरज कुमार ने कहा कि सिमरिया को दुनिया दिनकर जी के कारण जानते हैं। दिनकर को जरूर पढ़ें।
कार्यक्रम संयोजक डाॅ0 कामायनी कुमारी ने अपने संबोधन में साहित्य का जीवन में महत्व बताया तथा दिनकर की पंक्तियों का पाठ किया।
कुमारी ममता, नेहा कुमारी, मोनु कुमार, जयश्री, अपराजिता कुमारी, हर्षिता कुमारी, रूचि मिश्रा, रीतेश कुमार, पुष्पांजली, लिपि कुमारी, सलोनी कुमारी, हिमरेणु कुमारी, कायानात ओबैसी, चाँदनी कुमारी, अमलेश कुमार, कुलदीप कुमार, सृष्टि गौतम, सुजीत कुमार, अभिषेक कुमार, अमन कुमार, ऋषिकेश कुमार, आदर्श कुमार, चन्द्रकांत पाठक आदि प्रशिक्षुओं ने रामधारी सिंह दिनकर की अमर कृति का पाठ किया।
वहीं सृष्टि गौतम, कुलदीप कुमार, स्वीटी कुमारी, अमन कुमार, सुजीत कुमार, आदर्श कुमार ने वर्तमान परिदृश्य में दिनकर साहित्य की प्रासंगिकता पर अपना विचार प्रस्तुत किया।
समारोह में प्रो. विपिन कुमार, प्रो.सुधाकर पांडेय, प्रो.परवेज़ यूसुफ़, प्रो.अंजली व डा. अनीता एस. ने अपने विचारों को व्यक्त किया। उक्त अवसर पर प्रो. बिनोद कुमार, प्रो.अमर कुमार, डाॅ.अविनाश कुमार, प्रो.धनंजय कुमार, प्रो. कुंदन कूमार आदि सहायक प्राध्यापक उपस्थित थे। समारोह के अंत में वरिष्ठ कवि प्रफुल्ल मिश्रा एव प्राचार्य डा. नीरज कुमार के द्वारा वृक्षारोपण किया गया। मंच संचालन सत्र 2022-24 की प्रशिक्षु अमीषा कुमारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो.सुधाकर पांडेय ने किया।